Month: September 2011

किराये का घर

नमस्कार,   मुझे दिल्ली में रहते हुए तीन साल से ऊपर हो गये. इन तीन सालों में जिस एक चीज़ की बहुत कमी महसूस हुई वो है खुद का घर. जनाब इस शहर में तो लोगों की उम्र निकल जाती है एक ढंग का कमरा ढूँढने में. कभी कभी तो खुद को एक खानाबदोश महसूस …

एक कोशिश

नमस्कार, बहुत सालो बाद दिमाग में फिर वही फितूर सवार हुआ है.   करीब ४ साल पहले मैंने यह ब्लॉग की शुरुआत की थी. एक पोस्ट लिखने के बाद मैंने इस ब्लॉग को अनाथ छोड़ दिया था. परन्तु आज फिर वही धुन सवार हुई है. उम्मीद है के इस मर्तबा यह साथ इतनी जल्दी नहीं …