बस यूँ ही मेरा आकाश By हिमांशु on Sunday, March 11, 2012 नमस्कार कैसे हैं आप सब. आशा करता हूँ के अच्छे होंगे. आज बैठे बैठे यूँ ही ख्याल आया, कुछ है जो मैं भूल गया हूँ. दिमाग पर बहुत जोर डाला परन्तु याद न आया. उसी उधेड़बुन में अपने कमरे से निकल के बालकनी में आ गया. शाम हो चुकी थी और सूरज की किरणों की …