बस यूँ ही मोह By हिमांशु on Sunday, October 1, 2017 मैं या मेरा, हम या हमारा क्या यही मोह है? ना सुनता किसी की, फिर भी माँ का दुलारा क्या यही मोह है? रोटी का भूखा, देता बच्चे को निवाला क्या यही मोह है? लौट आता घर, जिसको कहते आवारा क्या यही मोह है? और यदि यही मोह है, तो प्रभु यह मोह पाश नहीं …