नमस्कार, पता है !! पता है !! नहीं मरा नहीं था, न ही पुनर्जन्म ले कर आया हूँ,यही था, इसी धरती पर। बस कुछ लिखा नहीं। लिखने के लिए कुछ होता तो लिखता ना। वैसे भी हमारे जैसे कुम्भकरण के महा भक्त को लिखने के लिए प्रेरित करने वाली घटनाएं कम ही होती हैं आज …